कुछ योग व्यायाम मंत्र कोरोना से बचे रहने के लिये।
कोरोना से बचे रहने के लिये कुछ योगा व्यायाम।
हम ने यह व्यायाम आयुर्वेद से पड़ कर आप के लिय,आप के शरीर के रोग-प्रतिरोधक को बढ़ाने के लिए। आप के समक्ष प्रस्तुत किये है ताकि आप क्रोना से बचे रहें और स्वस्थ रहे।
१. पहला व्यायाम प्राणायाम है। जिस में कपालभाति,अनुलोम विलोम,भ्रामरी आदि शामिल है। इसे केवल पाँच मिनट करनें से शरीर के अंदर व्याप्त सभि कीटाडु मर जाते है। और शरीर की रोग- प्रतिरोधक शमता बड़ जाति है।
१.१ कपालभाति सुखासन में या पदमासन में बैठ कर
श्वांस को तेज़ी से अंदर ले और भहार छोड़े। श्वांस लेते वक्त पेंट पर भहार कि ओर बल लगाये और श्वांस छोड़ते वक्त पेंट पर अन्दर कि ओर बल लगाये। इससे आप के पेंट के अन्दर सभि कीटाणु मर जायेगे।
श्वांस को तेज़ी से अंदर ले और भहार छोड़े। श्वांस लेते वक्त पेंट पर भहार कि ओर बल लगाये और श्वांस छोड़ते वक्त पेंट पर अन्दर कि ओर बल लगाये। इससे आप के पेंट के अन्दर सभि कीटाणु मर जायेगे।
१.२ अनुलोम विलोम सुखासन या पदमासन में बैठ करअपने हाथ का अंगूठा अपनि नाक के एक छेद पर रखे और एक ऊँगली अपनि नाक के दुसरे छेद पर रखें। नाक के एक छेद से श्वांस ले और दुसरे से श्वांस छोड़े फिर यही क्रिया बदल कर करे।
१.३ भ्रामरी सुखासन या पदमासन में बैठ कर अपने दोनो हाथो को अपने मुख पर कुछ इस प्रकार रखें;अपने दोनों अंगूठो को अपने दोनों कानो में डाले तर्जनी अंगुली को अपने भौऔ (eyebrow) पर रखे और बाकि तीन अंगुली को आंखो पर रख कर (ॐ) का उच्चारण करे।
२. दूसरी चीज़ जो आप को इस से बचाव में सहायता कर सकती है वो कुछ आयुर्वैदिक औषधि है जैसे;गिलोय,महामंजिष्ठादि। जो आप की रोग-प्रतिरोधक शमता के साथ-साथ आप को कई प्रकार के फायदे देंगी जैसे;इस से आप का पाचन- तंत्र के साथ-साथ आप के रक्त संचालन को भी सही रखती है और बुखार आदी में भी काम करती है।
३.इस के अतिरिक्त आप अपनि जीवन शैली में कुछ परिवर्तन कर के भी इस से बचे रह सकहे है जैसे;आप कम से कम भहार निकले और भहार से आने के बाद अपने हाथ अच्छे से धोये,बिमार व्यक्ति के सम्पर्क में आने से बचे और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचे।
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